छुटमलपुर / सहारनपुर : संपत्ति सुरक्षा समर्पण समय की पहली आवश्यकता है वक्फ संपत्ति की सुरक्षा इस्लाम की सुरक्षा है क्योंकि इस बोर्ड से बड़ी संख्या में मस्जिद मदरसे, खानकाह और कब्रिस्तान जुड़े हुए हैं सरकार अपनी गलत नीतियों गंदी हरकतों और नापाक साजिशों से मुसलमानों को उनकी संपत्ति से वंचित करना चाहती है और काला बिल लाकर देश में भय और दहशत का माहौल पैदा करना चाहती है अंजुमन बख्त इस्लाम द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें विशेष अतिथि इमरान मसूद सांसद सहारनपुर आये वहीं उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड के अंदर संशोधन कर मुसलमानों को परेशान करने की कोशिश की जा रही है।
हम और हमारे साथी पूरी ताकत से इस बिल के विरोध में खड़े हैं और पूरी कोशिश करेंगे कि बिल पूरी तरह से वापस हो जाए.हमारी यह भी मंशा है कि हम में से कुछ सांसद जल्द ही नीतीश कुमार और नायडू जी से मिलेंगे सांसद ने आश्वस्त करते हुए कहा कि ईश्वर ने चाहा तो यह विधेयक संसद की जेपीसी कमेटी की तरह ही अनिर्णायक होगा अंजुमन हिमायत-ए-इस्लाम के अध्यक्ष मुफ्ती अत्ता-उर-रहमान जमील कासमी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह काला कानून हमारे आत्मसम्मान की समस्या है ई-मेल अभियान में कई युवा विद्वान भाग ले रहे हैं हम वर्षों से एक-एक मस्जिद के लिए अदालतों में लड़ रहे हैं, एक मस्जिद तो दूर की बात है, मस्जिद का एक भी कोना किसी को देने के लिए तैयार नहीं हैं।
विधेयक में संशोधन कर कलेक्टर को अधिकार दिया जा रहा है। वाक़िफ़ के लिए एक नया प्रावधान जोड़ा जा रहा है कि उसे यह साबित करना होगा कि वह पिछले पांच वर्षों से मुस्लिम है और बंदोबस्ती छह महीने के भीतर पंजीकृत की जाएगी, हालांकि ऐसी चीजें भी हैं जो बहुत पुरानी हैं और उनके पूरे दस्तावेज नहीं हैं मुफ्ती साहब ने सभी सज्जनों से अपील की कि वे ई-मेल के माध्यम से अपनी राय भेजें और जे.पी.सी.को अपनी ताकत और अस्तित्व दिखाएं और इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लें।ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जमीयत उलेमा हिंद इस पर काम कर रहा है,ईमेल के अलावा वे विपक्ष के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, जिसके अब तक सकारात्मक नतीजे आ रहे हैं और अगर ये सब नहीं हुआ तो हम बुजुर्गों की आपसी सलाह से संविधान का सम्मान करते हुए देशव्यापी आंदोलन चलाएंगे, जो हमारा संवैधानिक अधिकार है अंत में अलहाज फजलुर रहमान नानकवी की दुआ के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ मजलिस में अरशद अंसारी अकरम अंसारी कारी जुबैर आलम हाजी गुल रहमान हाजी एहसान इमरान कुरैशी परधान सलीम इमरान प्रधान जुल्फान प्रधान मुस्तकीम अंग्रेज मौलाना नवीद मजाहिरी कासिम अंसारी प्रधान फैजान अंसारी गयूर कारी मोतिउर रहमान कासमी कारी अब्दुल माजिद मुफ्ती उस्मान कासमी कारी बुरहान कारी दानिश कारी चांद मुदस्सिर वकील मोहम्मद मुस्तकीम और अन्य ने भाग लिया,,