
ऋषिकेश से सागर रतूड़ी की रिपोर्ट |
उत्तराखंड की धार्मिक नगरी और विश्व प्रसिद्ध योग स्थल ऋषिकेश, जहां कभी शांति और ध्यान का वातावरण होता था, अब वीकेंड पर भीषण ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रही है। शनिवार और रविवार को दिल्ली, देहरादून, हरिद्वार, मेरठ और अन्य निकटवर्ती शहरों से आने वाले हजारों पर्यटकों के कारण शहर की सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें, धक्का-मुक्की और अव्यवस्था आम हो गई है।
विशेष रूप से लक्ष्मण झूला, नीम बीच, त्रिवेणी घाट, राम झूला और आसपास के क्षेत्रों में घंटों तक ट्रैफिक थमा रहता है। पर्यटक इन स्थानों पर पहुंचने के लिए घंटों गाड़ियों में फंसे रहते हैं, वहीं स्थानीय निवासी अपने रोजमर्रा के कामों के लिए निकलने में भी परेशान हैं। एम्बुलेंस और अन्य आपातकालीन वाहन भी इस ट्रैफिक में फंस जाते हैं, जिससे कई बार गंभीर स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
स्थानीय लोग हो रहे हैं प्रभावितस्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें हर वीकेंड ऐसा महसूस होता है जैसे कोई मेला लगा हो। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, “शुक्रवार शाम से ही बाहर की गाड़ियों की आमद शुरू हो जाती है, और शनिवार-रविवार को हालत बद से बदतर हो जाती है। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, बीमार अस्पताल नहीं पहुंच पाते और व्यवसाय पर भी बुरा असर पड़ता है।”
पर्यटक भी परेशानट्रैफिक जाम से पर्यटक भी परेशान हैं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शिकायतें दर्ज कराते हुए कहा कि “योग नगरी में शांति खोजने आए थे, लेकिन ट्रैफिक और हॉर्न की आवाजों ने ध्यान भंग कर दिया।”
असली समस्या कहां है?विशेषज्ञों और स्थानीय प्रशासन की मानें तो यह समस्या केवल पर्यटकों की अधिकता से नहीं, बल्कि सड़कों की संकीर्णता, अव्यवस्थित पार्किंग, और यातायात पुलिस की कम तैनाती के कारण भी है।
शहर की कई सड़कों पर लोग गाड़ियाँ बेतरतीब ढंग से खड़ी कर देते हैं, जिससे वाहन निकलने की जगह नहीं रहती। वहीं कई गलियों में नो पार्किंग जोन होने के बावजूद वहाँ गाड़ियाँ खड़ी कर दी जाती हैं।
प्रशासन के प्रयास अधूरेप्रशासन ने बीते समय में कुछ कदम उठाए जैसे वन-वे सिस्टम, अस्थायी बैरिकेडिंग, और कुछ स्थानों पर पर्यटन वाहनों का समय निर्धारण, लेकिन ये सभी प्रयास स्थायी समाधान नहीं बन पाए हैं। ऋषिकेश नगर निगम, यातायात पुलिस, और पर्यटन विभाग के बीच समन्वय की कमी भी इन समस्याओं को बढ़ा रही है।
क्या है समाधान?समय की मांग है कि ऋषिकेश के लिए एक विशेष ट्रैफिक प्रबंधन योजना तैयार की जाए, जिसमें—वीकेंड के लिए अलग यातायात मार्ग तय किए जाएंशटल सेवाएं चलाई जाएं जो बाहरी गाड़ियों को शहर के बाहर रोककर अंदर लाएंमल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण होस्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम लगाया जाए जो भीड़ को रीयल टाइम में नियंत्रित कर सकेस्थानीय लोगों के लिए पास सिस्टम लागू हो जिससे वे आवश्यक कार्यों के लिए निर्बाध यात्रा कर सकें