
अरशद मलिक
छुटमलपुर : कस्बे में स्कूलों द्वारा फीस में मनमानी वृद्धि, किताब सेलरों के साथ सांठगांठ और शिक्षा के बढ़ते बाजारीकरण के खिलाफ अभिभावकों ने जोरदार धरना-प्रदर्शन शुरू किया। धीरे-धीरे भीड़ बढ़ती गई और प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए अपनी मांगें प्रशासन के समक्ष रखीं। इस प्रदर्शन में स्थानीय स्कूलों जैसे डेल मोड़ माउंट कारमेल, राष्ट्रीय विद्यापीठ, सनराइज, शाकुम्बरी स्कूल और बाल विद्या मंदिर पर गंभीर आरोप लगाए गए।
आयोजनकर्ता सुबोध कुमार और उनकी टीम ने आरोप लगाया कि उक्त स्कूल केवल एक किताब सेलर से किताबें खरीदने के लिए अभिभावकों पर दबाव डाल रहे हैं। अन्य दुकानों से खरीदी गई किताबें स्वीकार नहीं की जा रहीं, जिससे स्कूल प्रबंधन और किताब सेलरों के बीच सांठगांठ की आशंका गहराती जा रही है।
प्रदर्शनकारी अभिभावकों ने बताया कि महंगी किताबें, ड्रेस और अन्य शुल्कों के कारण गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। कई बच्चों की पढ़ाई छूटने की कगार पर है क्योंकि अभिभावक इतनी महंगी व्यवस्था वहन नहीं कर पा रहे।
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे और अभिभावकों को आश्वासन दिया कि 8 अप्रैल तक सभी स्कूलों और किताब सेलरों की जांच कर भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो 8 अप्रैल को बड़े पैमाने पर धरना आयोजित किया जा सकता है।
धरने में सुबोध कुमार, सतीश रावत, संचित एकफिट, रोब्बीन, सलमान चौधरी, नगर अध्यक्ष विनोद नेगीवाल, राहुल वर्मन, रोहित निम, तनुज बाला, विपिन नवादा, संदीप, मोनिका आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे। अंत में एक ज्ञापन थाना अध्यक्ष को सौंपा गया जिसमें मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की गई।