अरशद मालिक
देर शाम छुटमलपुर क्षेत्र के ग्राम भैंसराव में दिल्ली से देहरादून जाते समय इंडियन किसान यूनियन राजनीतिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री रामकुमार वालिया का क्षेत्र के मुख्य लोगों द्वारा फूल और मालाओं से जोरदार स्वागत किया गया, इस दौरान कार्यक्रम का आयोजन ग्राम भैंसराव की बहुउद्देशीय प्राथमिक सहकारी समिति में आयोजित किया गया इस दौरान पूर्व मंत्री रामकुमार वालिया ने सभी क्षेत्रवासियों का आभार व्यक्त किया इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए जैविक खेती के बारे में जागरुक करते हुए कहा कि जैविक खेती पर्यावरण के अनुकूल खेती तकनीकों जैसे फसल चक्र प्राकृतिक कीट नियंत्रण और उर्वरक के रूप में जैविक पदार्थों के उपयोग का उपयोग करके प्राकृतिक मिट्टी की उर्वरता को बढ़ावा देती है। इसका मतलब है कि मिट्टी सालों तक उपजाऊ और उत्पादक बनी रहती है जिससे यह सुनिश्चित होता है कि खेती स्थायी रूप से जारी रह सकती है। जैविक खादों के प्रयोग से मृदा का जैविक स्तर बढ़ता है, जिससे लाभकारी जीवाणुओं की संख्या बढ़ जाती है और मृदा काफी उपजाऊ बनी रहती है।जैविक खाद पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक खनिज पदार्थ प्रदान कराते हैं, जो मृदा में मौजूद सूक्ष्म जीवों के द्वारा पौधों को मिलते हैं जिससे पौधों स्वस्थ बनते हैं और उत्पादन बढ़ता है।रासायनिक खादों के मुकाबले जैविक खाद सस्ते, टिकाऊ तथा बनाने में आसान होते हैं।
इनके प्रयोग से मृदा में ह्यूमस की बढ़ोतरी होती है व मृदा की भौतिक दशा में सुधार होता है पौध वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्वों जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश तथा काफी मात्रा में गौण पोषक तत्वों की पूर्ति जैविक खादों के प्रयोग से ही हो जाती है। कीटों, बीमारियों तथा खरपतवारों का नियंत्रण काफी हद तक फसल चक्र, कीटों के प्राकृतिक शत्रुओं, प्रतिरोध किस्मों और जैव उत्पादों द्वारा ही कर लिया जाता है। जैविक खादें सड़ने पर कार्बनिक अम्ल देती हैं जो भूमि के अघुलनशील तत्वों को घुलनशील अवस्था में परिवर्तित कर देती हैं, जिससे मृदा का पी-एच मान 7 से कम हो जाता है। अतः इससे सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ जाती है। यह तत्व फसल उत्पादन में आवश्यक है। इन खादों के प्रयोग से पोषक तत्व पौधों को काफी समय तक मिलते हैं। यह खादें अपना अवशिष्ट गुण मृदा में छोड़ती हैं। अतः यह एक फसल में इन खादों के प्रयोग से दूसरी फसल को लाभ मिलता है। इससे मृदा उर्वरता का संतुलन ठीक रहता है , इस दौरान कार्यक्रम का सफल संचालन कमालपुर पूर्व प्रधान राजकुमार ने किया, इस दौरान मुख्य रूप से, बहुउद्देशीय सहकारी समिति भैंसराव के चैयरमेन विनोद राणा शाकंभरी स्कूल के चैयरमेन संजय राणा सतीश राठौर राजकुमार प्रधान विनय चौधरी केहर सिंह सैनी प्रवीण सैनी सुरेंद्र सैनी कुलदीप राणा राशिदअंसारी ,पूर्व अनिल प्रधान राणा पप्पू भाई कला अंसारीअमर सिंह सैनी यासीन प्रधान जी सैकड़ो किसान मौजूद रहे .