गरीबी से अमीरी तक तक का सफर तय करना काफी कठिन होता है. इसलिए ऐसी सफलता भरी कहानियां बेहद प्रेरणादायक होती हैं क्योंकि वे कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प की अटूट शक्ति का प्रमाण होती हैं. ऐसी ही एक सफलता की कहानी IAS तपस्या परिहार की है, जिन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा में बिना किसी कोचिंग की मदद के ऑल इंडिया 23वीं रैंक हासिल की।
एक साधारण से बैकग्राउंड से ताल्लुक रखने वाली तपस्या के पिता विश्वास परिहार एक किसान थे और उनके चाचा विनायक परिहार एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उनकी दादी देवकुंवर परिहार, जो नरसिंहपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी थीं, उन्होंने भी उनके UPSC के सपने को पूरा करने में उनका साथ दिया।
तपस्या ने केंद्रीय विद्यालय से कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी की और पुणे में इंडियन लॉ सोसायटी के लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की. इसके बाद, वह अपनी यूपीएससी की यात्रा शुरू करने के लिए दिल्ली चली आई।
उन्होंने UPSC परीक्षा की तैयारी करने के लिए कोचिंग भी जॉइन की, लेकिन अपने पहले प्रयास में वह प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर पाईं. लेकिन अडिग आत्मविश्वास के साथ साल 2017 में उन्होंने बिना कोचिंग के दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया 23वीं रैंक हासिल कर सिविल सेवा परीक्षा पास की.
IAS बनने के बाद तपस्या परिहार ने IFS अधिकारी गर्वित गंगवार से शादी की, जो पहले तमिलनाडु कैडर में तैनात थे. शादी के बाद, वह अपनी पत्नी के साथ रहने के लिए मध्य प्रदेश कैडर में ट्रांसफर हो गए, जो उसी कैडर में तैनात हैं.