देहरादून : खूबसूरत वादियों से सजे उत्तराखंड में विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है जहाँ निवेशक अनुकूल नीति , नीयत और सुशासन की पहल से प्रदेश सरकार ने देवभूमि को एक कामयाब निवेश डेस्टिनेशन बनाया है जहाँ हमारे उद्यमी ही है हमारे ब्रांड एंबेसडर और जहाँ मौजूद है ईज ऑफ़ डुंइंग बिजनेस और पीस ऑफ़ के लिए है फ्रेंडली वातावरण – पुष्कर सिंह धामी , मुख्यमंत्री
ये दशक उत्तराखंड का दशक है जिसको सार्थक और सफल बनाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिस सूझबूझ और संवेदनशीलता के साथ रोज़गार , व्यापार , महिला सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को पहाड़ से मैदान तक मजबूती से सशक्त बनाया है वो उन्हें अब तक के सबसे कामयाब मुख्यमंत्री की इबारत लिखते नज़र आ रहे हैं।
वहीँ स्वरोज़गार की बात करें तो पहाड़ों में एग्रीकल्चर , हॉर्टिकल्चर , एनिमल हस्बेंड्री ,फिशरीज और डेयरी फ़ूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री की अपार संभावनाओं से भरे प्रदेश में संसाधनों का विकास , आधुनिक प्रयोग और इन्वेस्टमेंट पालिसी से आज नया उत्तराखंड आकार ले रहा है.जहाँ निवेशकों को सिंगल विंडो पर सभी सरकारी मंजूरी मिल रही है और 6 हजार एकड़ से अधिक का विशिष्ट लैंड बैंक उपलब्ध कराया जा रहा है इसी के आधार पर प्रदेश में युवाओं को बड़े पैमाने पर आर्थिक मजबूती मिल रही है
प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध उत्तराखंड में ग्लेशियर, घने जंगल और नदियाँ इसमें विविध कृषि-भू-जलवायु स्थितियां बनाती हैं लिहाज़ा उत्तराखंड में सेब की खेती की अपार संभावनाएं हैं। कम समय में उन्नत प्रजातियों के सेब का उत्पादन आपको मुनाफे की गारंटी देता है। ऑफ़ सीजन फार्मिंग , मसालों , फलों की संरक्षित खेती में निवेश के शानदार अवसर को और भी आसान बना रही है प्रदेश में मौजूद पर्याप्त पॉली हाउस लैंड , मेगा फूड पार्क , 148 बड़े फूड प्रोसेसिंग यूनिट , 20 कोल्ड चेन प्रोजेक्ट , 3 हॉर्टिकल्चर ट्रेंनिंग सेंटर और भरपूर लैंड बैंक जिसका लाभ उठाते हुए सीएम धामी ने योजनाओं को धरातल पर उतारा है उसका फायदा राजस्व वृद्धि , रोजगार सृजन और नागरिकों को आर्थिक समृद्धि मिल रही है।
प्रदेश में निवेश की मजबूत संभावनाओं मे डेयरी , फिशरीज और एनिमल हस्बेंड्री महत्वपूर्ण सेक्टर्स है जिसमें राज्य सरकार हर स्तर पर सहयोग और सुविधाएं दे रही है जहा लैंड सब्सिडी , कोल्ड स्टोरेज , बिजली शुल्क की प्रतिपूर्ति, स्टांप ड्यूटी, भूमि पंजीकरण शुल्क, ईटीपी पर सब्सिडी, पेरोल सहायता से उद्योग की राह आसान हो रही हैं तो वहीँ डेयरी प्रसंस्करण इकाइयां , जैविक दूध उत्पादन और बद्री गाय के घी का उत्पादन , डेयरी आधारित होमस्टे , बायोगैस संयंत्र , 7 पनीर विनिर्माण संयंत्र , ब्रीडर गुणन फार्म , डेयरी उत्पाद सेक्टर्स में निवेश के बेहतरीन अवसर उपलब्ध कराया जा रहा है
उत्तराखंड में तेजी से बढ़ते मत्स्य पालन में निवेश के लिए मत्स्य पालन की इकाइयां राज्य की सरल नीतियों से लाभ उठा सकती हैं। मछली फ़ीड संयंत्र तिलापिया, पंगासियस और मुर्रेल मछली कार्प बीज उत्पादक हैचरी , रेनबो ट्राउट बीज उत्पादन हैचरी , ट्राउट मछली पालन प्रसंस्करण जैसे सेक्टर्स में 900 हेक्टेयर तालाबों का क्षेत्रफल , वित्त वर्ष 2023 में 7,300 मीट्रिक टन मछली उत्पादन ,863 नए ट्राउट रेसवेज, 33000 टन मत्स्य उत्पादन और 80 लाख वार्षिक ट्राउट मत्स्य बीज उत्पादन संभावनाओं की नयी राह खोल रहा है। आज हम कह सकते हैं कि राज्य में मजबूत नीतिगत ढांचे में इन्वेस्टर्स फ्रैंडली पॉलिसी अपने निवेशकों का स्वागत करती हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि 2025 में जब प्रदेश अपनी स्थापना के 25 साल पूरे करेगा उस वक़्त तक हमारा उत्तराखंड सीएम धामी के नेतृत्व में सर्वोत्तम प्रदेश बन जायेगा।