देहरादून : नगर निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला करते हुए ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण के लिए नई नियमावली को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस नियमावली को स्वीकृति प्रदान की। इस निर्णय के साथ ही राज्य के 102 नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण का रोस्टर नई नियमावली के तहत तैयार किया जाएगा।
जनवरी 2025 में चुनाव की संभावना
सूत्रों के अनुसार, 25 दिसंबर तक निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होने की संभावना है। इसके बाद जनवरी 2025 में चुनाव आयोजित हो सकते हैं। नई नियमावली के अनुसार, नगर निगम, नगर पालिका, और नगर पंचायतों के मेयर, अध्यक्ष, और पार्षदों के पदों का आरक्षण तय किया जाएगा।
आरक्षण प्रक्रिया और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
यह पहली बार होगा जब निकायों में ओबीसी आरक्षण संबंधित क्षेत्र की ओबीसी आबादी के अनुपात में लागू किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
शहरी विकास निदेशालय को प्रस्ताव तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसे जिलों में भेजकर जनता से सुझाव और आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों का निस्तारण कर अंतिम प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा, जो चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।
राजनीतिक दलों की तैयारियां तेज
निकाय चुनावों की घोषणा के करीब आते ही राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों इस चुनाव को आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक बड़ी परीक्षा के रूप में देख रहे हैं। नई आरक्षण नीति के तहत होने वाले इन चुनावों को पहले से अधिक पारदर्शी और क्षेत्रीय जनसंख्या के अनुकूल माना जा रहा है।
क्या बदलेगा नई नियमावली से?
आरक्षण का स्वरूप क्षेत्रीय ओबीसी आबादी के आधार पर होगा।
102 नगर निकायों में 8 नगर निगम, 42 नगर पालिकाएं और 52 नगर पंचायतों के लिए चुनाव होंगे।
मेयर, अध्यक्ष और पार्षदों के पदों पर आरक्षण का निर्धारण नई नियमावली से होगा।
जनप्रतिनिधियों के चयन में क्षेत्रीय जनसंख्या का सही प्रतिबिंब दिखेगा।