
एसडीएम शिवानी अंशुल गर्ग की पहचान एक सख्त ऑफिसर की है। एंटी माफिया अभियान चलाकर चर्चा में आईं हैं। उन्हें एमपी के गुना इलाके में भवानी के नाम से जाना जाता है। शिवानी गर्ग बताती हैं कि मध्यम वर्गीय परिवार से होने के बावजूद भी उन्हें शैक्षिक माहौल का लाभ बचपन से ही मिला। उनके माता-पिता ने बचपन से ही पढ़ाई को ही प्राथमिकता दी है।
शिवानी शुरू से पढ़ाई में अव्वल रहीं हैं। शिवानी साल 2015 में ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी में लग गईं। इसके बाद पहली बार MPPSC PCS परीक्षा में शामिल हुईं।शिवानी ने पहले ही प्रयास में MPPSC परीक्षा क्रैक कर लिया। बता दें कि इसके लिए उन्होंने कभी कोई कोचिंग नहीं की। बिना कोचिंग ही उन्होंने अच्छे रैंक से MPPSC परीक्षा पास कर ली है।
एमपीपीसीएस में सिलेक्शन के बाद शिवानी गर्ग की पहली पोस्टिंग गुना जिले में हुई। उन्हें SDM का पद मिला। एसडीएम बनते ही उन्होंने एंटी माफिया स्कीम चलाकर भू माफियाओं के खिलाफ सख्त एक्शन लिए। पढ़ाई के दौरान शिवानी की मुलाकात अंशुल गर्ग से हुई। अंशुल जेल अधिकारी के पद पर तैनात हैं। शिवानी और अंशुल के बीच इंटर कास्ट मैरिज की दिक्कतें आईं। इसका सामना करते हुए दोनों ने 2 साल बाद शादी रचाई।