अरशद मलिक
आज का रिपोर्टर
रुड़की : आज की लड़कियां तमाम बंधनों को तोड़कर आसमान छू रही हैं और समाज के लिए आदर्श बनी हुई हैं। अमूमन समाज में लड़कियों को लड़कों से कमतर आंका जाता है। शारीरिक सामर्थ्य ही नहीं अन्य कामों में भी यही समझा जाता है कि जो लड़के कर सकते हैं वह लड़कियां नहीं कर सकतीं, जबकि इसका एक उदाहरण है समाजसेवी अनम अंसारी जिन्होंने 5000 से ज्यादा लड़कियों को सशक्त बनाया और सिखाया की लड़किया किसी की ऊपर बोझ नहीं है। हर लड़की स्ट्रांग है।
खेलों में खिलाड़ियों की इतनी बड़ी फौज में से ज्यादातर लड़कियों ने ही देश की झोली में मैडल डाल कर देश का नाम रोशन किया। यही नहीं अन्य क्षेत्रों में भी लड़कियां लड़कों से न केवल कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं बल्कि आगे हैं। हमेशा देश में 10वीं और 12वीं कक्षा के रिजल्ट में लड़कियां ही पहले पायदान पर रहती हैं। चाहे आईएएस बनने की होड़ हो, विमान या लड़ाकू जहाज उड़ाने की या फिर मैट्रो चलाने की, लड़कियां हर क्षेत्र में अपनी सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। इस के बावजूद लड़कियों को लड़कों से कमतर आंकना समाज की भूल है।
कौन कहता है कि लड़कियां बोझ है? आज की लड़की अपना बोझ तो क्या, परिवार का बोझ भी अपने कंधों पर उठाने की हिम्मत रखती है। तभी तो उन्हे संसार की जननी कहा गया है। बेशक पहले स्त्री को अबला माना जाता है, लेकिन आज की नारी अबला नहीं। शिक्षा हो या खेल कूद का क्षेत्र हो वह हर जगह अपनी मेहनत के बलबूते पर आगे बढ़ी रही हैं। बेटों की तरह वह भी पूरी निष्ठा के साथ जिम्मेदारियां संभाल रही है। देश की बेटियां अब सिर्फ सिलाई- कढ़ाई या ब्यूटी पार्लर तक ही सीमित नहीं रह गई है बल्कि वह तो दुश्मनों के छक्के छुड़ाने के लिए तैयार हैं।
लोकतांत्रिक देश में राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, आर्थिक दृष्टि से बालिका शिक्षा का बहुत अधिक महत्व है। नारी की शिक्षा पूरे परिवार को शिक्षित करती है। शिक्षित महिला पुरुष से किसी भी कार्यक्षेत्र में पीछे नहीं रहती। कुछ क्षेत्रों में तो वह पुरुष से भी अधिक कुशल सिद्ध हुई है– जैसे शिक्षा, चिकित्सा व परिचर्या के क्षेत्र में। यदि बालिका को समुचित शिक्षा दी जाए तो वह कुशल नेत्री, समाजसेवी, कुशल व्यवसायी, राजनैतिक नेत्री यहाँ तक कि कुशल इंजीनियर, टेक्नीशियन, सूचना प्रौद्योगिकी, अधिवक्ता, चिकित्सक बन राष्ट्र की सर्वतोमुखी प्रगति में योगदान दे सकती है। शिक्षा से नारी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकती है। समाजसेवी अनम अंसारी ने कहा की मेरा ये सपना है की हमारे प्रदेश और देश की हर लड़की सशक्त बने , और में इस पर लगातार काम कर रही हु। आज का रिपोर्टर अरशद मलिक की और से आपको बहुत बहुत सुभकामनाए , आप ऐसे ही लगातार लड़कियों एव महिलाओ को जागरूक करते रहो आपका जो सपना है वो एक दिन जरूर पूरा होगा।