
पंजाब हॉस्पिटल छुटमलपुर में भर्ती किशोरी की मौत, परिजनों ने हंगामा कर मांगी कार्रवाई
अरशद मलिक
आज का रिपोर्टर
छुटमलपुर। कस्बे के रुड़की रोड स्थित पंजाब अस्पताल में दस्त और बुखार से पीड़िता गांव मलायन निवासी गरिमा (14) पुत्री राजकुमार की उपचार के दौरान मौत हो गई। किशोरी की मौत के बाद परिजनों ने उपचार में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग को लेकर अस्पताल में जमकर हंगामा किया। पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझाकर परिजनों और ग्रामीणों को शांत किया।
राजकुमार ने बताया कि उनकी बेटी को दस्त और बुखार की शिकायत होने पर रविवार को अस्पताल में दिखाया था। चिकित्सक ने भर्ती करके उपचार करने की बात कही, जिस पर उन्होंने अस्पताल में भर्ती करा दिया। आरोप है कि भर्ती वाले दिन से आज तक हालत में कोई सुधार नहीं आया। मंगलवार सुबह उन्होंने गरिमा की छुट्टी करने का अनुरोध किया ताकि वह उसे कहीं अच्छी जगह दिखा सकें। आरोप है कि डाक्टर ने यहीं पर ठीक करने का भरोसा देकर इंजेक्शन आदि के नाम पर हजारों रुपये जमा करा लिए। देर शाम छह बजे उनकी बेटी ने दम तोड़ दिया।

किशोरी की मौत की खबर जैसे ही गांव में पहुंची तो वहां से बड़ी संख्या में महिला पुरुष छुटमलपुर स्थित अस्पताल पहुंच गए। ग्रामीणों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि यदि चिकित्सक समय रहते बच्ची को हायर सेंटर ले जाने देते तो उसकी जान बच सकती थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने अपने फायदे के लिए उसकी जान ले ली। गरिमा तीन बहनों में मंझली थी। परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। पिता मजदूरी करते हैं।
उधर अस्पताल प्रबंधक डॉ. साजन क्वात्रा का कहना है कि किशोरी के शरीर में पानी की कमी ज्यादा हो गई थी। उन्होंने पहले ही परिजनों को किशोरी की गंभीर हालत के बारे में अवगत करा दिया था। लापरवाही के आरोप गलत है। उन्होंने बेहतर से बेहतर इलाज देने का प्रयास किया, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी। 
